जुगनी जद तो सी फगवाड़े रोज स्यापे ते रोज पवाड़े,
इक दिन संत झोपडी वाले फड़ के पाप दोष सब चाडे,
फिर मेरिया जुगनी तल गई सी ओहदे आग इश्क़ दी बल गई सी,
वृद्धावन वलियाँ वे जुगनी हारा वालिया वे तेरी जुगनी,
गौआँ वालिया वे तेरी जुगनी मोरवालियाँ वे तेरी जुगनी,
जुगनी जा बड़ी बृज मण्डल जिथे धने घनेरे जंगल,
ना कोई काम नोटा दे बण्डल साधु बन गी ते फ़दया कमंडल,
ओये फिर मेरियन जुगनी नचदी आ फिर नाम हरी दा जप दी आ
निधिवन वालिया वे जुगनी सेवा कुञ्ज वालिया वे जुगनी,
राधा कुंड वालिया वे जुगनी नन्द गांव वालिया वे जुगनी
ओ जुगनी जा वडी गोवर्धन जिथे जाके हो गई धन धन,
राधा नाम कमाया कण कण फिर मेरियन जुगनी जउंदी,
हूँ प्रेम दे अथुरु रोंदी आ,
निधिवन वालिया वे जुगनी सेवा कुञ्ज वालिया वे जुगनी,
राधा कुंड वालिया वे जुगनी नन्द गांव वालिया वे जुगनी
ओ जुगनी जा बड़ी बरसाने चरणों ला ले सब सांता ने,
माया लावे रोज बहाने दे दे लालच लोब सुहाने,
फिर मेरिया जुगनी कमली आ एह ते राधा नाम दी कमली आ
निधिवन वालिया वे जुगनी सेवा कुञ्ज वालिया वे जुगनी,
राधा कुंड वालिया वे जुगनी नन्द गांव वालिया वे जुगनी
जुगनी बन गी श्री हरिदासी जो सी कई जन्मा दी प्यासी,
मिट गई चिंता ते नाल उदासी छूट गई झूठे जग दी खवासी,
फिर मेरिया जुगनी टिक गई आ ओ ते शरे बाज़ारी विक गई आ,
निधिवन वालिया वे जुगनी सेवा कुञ्ज वालिया वे जुगनी,
राधा कुंड वालिया वे जुगनी नन्द गांव वालिया वे जुगनी