चढ़ गई चढ़ गई माँ मस्ती तेरे नाम की

चढ़ गई चढ़ गई माँ मस्ती तेरे नाम की
अब तो सारी दुनिया माँ लगती नहीं किसी काम की,
चढ़ गई चढ़ गई माँ मस्ती तेरे नाम की

नाम तेरे की मस्ती मैया मिलती नहीं है सस्ती ,
तेरे नाम की मस्ती मैया मिलती मिटा के हस्ती ,
ऐसी मस्ती चढ़ गई मुझको खबर नहीं सुबह शाम की,
चढ़ गई चढ़ गई माँ मस्ती तेरे नाम की

ये मस्ती मीरा ने पाई जहर प्याला पी डाला,
मस्ती देख के दर्श दिखाने आ गया झट नंद का लाला,
जैसे मीरा बाई को चढ़ गई मस्ती राधे श्याम की,
चढ़ गई चढ़ गई माँ मस्ती तेरे नाम की

ध्यानु भगत ने घोड़े खातिर काट के दध से मिलाया था,
अकबर को फिर मस्ती चढ़ गई सोने का छत्रर चढ़ाया था,
बाला जी को मस्ती चढ़ गई जैसे सीता राम की,
चढ़ गई चढ़ गई माँ मस्ती तेरे नाम की

मस्ती देख के श्री धर की माँ ने भण्डार भरपूर किया,
भेरो का अवतार एहंकार तोड़ कर श्री घर का गम दूर किया
इसी लिए शोभा बड़ी है वैष्णो माँ के धाम की,
चढ़ गई चढ़ गई माँ मस्ती तेरे नाम की
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