दरबार से आने वाले बता कुछ तो मैया का हाल सुना
ममता की मूरत मेरी माँ है कैसी उस ज्योता वाली की ज्योत है कैसी,
दरबार से आने वाले बता कुछ तो मैया का हाल सुना
सुना माँ का द्वार सवेरे पवन बुहार के जाती है,
सूर्ये देव की पहली किरण नित ज्योत के दर्शन पाती है
पल में सिमट के सारी सृष्टि आरती गाने आती है,
दरबार से आने वाले बता कुछ तो मैया का हाल सुना
सुना है उस की शरण में जा के सब बंधन कट जाते है,
दुखियो के दुःख दूर है होते रोते नैनं मुस्काते है,
ज्वाला मैया के दर्शन से सब जन मुक्ति पाते है,
ममता की मूरत मेरी माँ है कैसी उस ज्योता वाली की ज्योत है कैसी,
दरबार से आने वाले बता कुछ तो मैया का हाल सुना
करुणा मई उस जगजानी को जो भी मन से नमन करे,
नवरात्रि में अस्टमी के दिन कन्याओ का पूजन करे,
आस औलाद उसे देती है ममता का सिर पे हाथ धरे,
ममता की मूरत मेरी माँ है कैसी उस ज्योता वाली की ज्योत है कैसी,
दरबार से आने वाले बता कुछ तो मैया का हाल सुना