ले लो ले लो लाल चुनरिया और नारियल केला,
चलो चले चलो चले नवराति का मेला,
साल भर का पर्व है पावन करले माई के दर्शन,
नो दिन तक तो नो रूपों की झांकी सजी मन भावन,
दर्शन का तू लाभ उठा ले मौका है अलबेला ,
चलो चले चलो चले नवराति का मेला,
गूंज रहे माँ के जय कारे माई की जय जय गा ले गा ले,
रेहमत की बरसात हो रही आके पुण्य कमा ले,
करने को शृंगार माई का रखले माला छेला,
चलो चले चलो चले नवराति का मेला,
दुनिया वाले साथ न दे तो शरण माई की आजा,
सारे संकट दूर करेगी अपना हाल सुनाजा,
आई है तो खुद को निरंजन समजो नहीं अकेला,
चलो चले चलो चले नवराति का मेला,