किंझ लिखा मैं तेरी , रहमत वारे
जेहड़ी तू बक्शी हैं माये नी
मेरा एकला एकला साह भी तेरा ,
माँ लख़ लख़ शुक्र मनाये नी
माँ लख़ - लख़ शुक्र मनाये नी,
माँ तेरी रहमत ने , तारिया ए जग सारा ,
माँ तेरी रहमत ने , तारिया ए जग सारा,
जो श्रद्धा नाल सिमरन करदा,
जो श्रद्धा नाल सिमरन करदा,
होवे पार उतारा माँ तेरी रहमत ने ,
तारिया ए जग सारा,
धरती गगन पाताल च माये, तेरी ही है माया,
ऋषि मुनी सिद्ध जोगिया ने भी भेद न तेरा पाया,
धरती गगन पाताल च माये,
तेरी ही है माया,
ऋषि मुनी सिद्ध जोगिया ने भी भेद न तेरा पाया,
चन सूरज तारे भी चमकन चन सूरज तारे भी चमकन,
लैके नाम सहारा माँ तेरी रहमत.....................
चार युगा विच तेरी ज्योति ,जग मग -जग मग जगदी ,
दसों दिषावा चानण करदी , बड़ी प्यारी लगदी ,
चार युगा विच तेरी ज्योति ,जग मग -जग मग जगदी ,
दसों दिषावा चानण करदी , बड़ी प्यारी लगदी ,
हर एक मंदिर -हर मन अंदर
हर एक मंदिर हर मन अंदर,
पैंदा है लिश्कारा माँ तेरी रहमत.....................,
तेरियां रमझा -साडिया समझा , फर्क है इस विच वाहला,
महिमा लिख लिख धन हो गया , करमा रोपड़ वाला ,
तेरियां रमझा -साडिया समझा , फर्क है इस विच वाहला ,
महिमा लिख लिख धन हो गया , करमा रोपड़ वाला ,
तू भगतां दी वाह फड़ लैंदी जद भगतां दी वाह फड़ लैंदी ,
देंदी आप सहारा माँ तेरी रहमत.....................