शिव का नाम है निर्मल पावन हिरदये अमिरत लाये,
केहन गुफा में बैठ महेश सारी शृष्टि चलाये,
शिव का नाम है निर्मल पावन हिरदये अमिरत लाये,
पहन गले में सर्प की माला जटा से गंग बहाये,
इक हाथ में धर तिरशूल दूजे से डमरू बजाए,
वेश भयंकर भर अभयंकर भगतो को हर्षाये,
देवो के भी महादेव है देव सभी गुण गाये,
अवधर दानी भोले नाथ है सब पे दया बरसा,
जो शिव को पूजे तन मन से भव सागर तर जाए,