हाथों में त्रिशूल धारी मेरे भोले भंडारी

हाथों में त्रिशूल धारी, मेरे भोले भंडारी,
भोले भंडारी मेरे, भोले भंडारी ।
नाम पड़ा त्रिपुरारी, मेरे भोले भंडारी ।

भोले जी मेरे साठ बरस के,
गौरां है कन्या कुँवारी, मेरे भोले भंडारी...

भोले जी खाए भांग धतूरा,
भांग पीस गौरां हारी, मेरे भोले भंडारी...

भोले जी करते हैं नंदी की सवारी,
गौरां करे सिंह सवारी, मेरे भोले भंडारी...

भोले है स्वामी सारे जगत के,
गौरां के स्वामी त्रिपुरारी, मेरे भोले भंडारी...

रावण को दे दी सोने की लंका,
देखकर भक्ति न्यारी, मेरे भोले भंडारी...

ऐसे दयालु मेरे औघड़ दानी,
कहती है दुनियाँ सारी, मेरे भोले भंडारी...

अपलोडर- अनिलरामूर्तिभोपाल

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