कावड़ में गंगा जल भर के हर कावड़िया बोले,
बम बम शिव भोले,
शिव के भक्त मस्त होते है,
बम बम बम की धुन पर,
नाचे गे सारे कावड़िये शिव का डमरू सुन कर,
इक कंधे पर कावड़ इक पर शिव के नाम के झोले,
बम बम शिव भोले,
सावन के मेले में आते शम्भू के मत वाले,
चलते जाते नहीं रुके चाहे हो पैरो में छाले,
कोई दौड़ दौड़ कर चलता कोई होले होले,
बम बम शिव भोले,
हो कर मस्त जटा धारी जब अपनी जटा फैलाये,
ॐ नाम का मंत्र जपे जो वो शंकर को पाये,
केवल राज लिखे शम्भू के साहिल राज जे खोले,
बम बम शिव भोले,