खबर नही है पल की बात करे तू कल की,
गफलत में खोया है शरण में आ गुरु जन की,
खबर नही है पल की बात करे तू कल की,
सब की यही कहानी है आया है सो जाएगा,
यत्न भले इतना करले खाली हाथ ही जाएगा,
संग चलेगी तेरी गटरी तेरे कर्मन की,
गफलत में खोया है शरण में आ गुरु जन की,
खबर नही है पल की बात करे तू कल की,
कपट कर्रु इस दुनिया ने तुझको बहुत लुभाया है,
होश में आजा रे मनवा ये तो फिर छिलावाहै,
सुख मिलता इक छन का बेचैनी हर पल की,
गफलत में खोया है शरण में आ गुरु जन की,
खबर नही है पल की बात करे तू कल की,