जी मै तेरी तेरी तेरी सच्चे बादशाह के रख लै गरीब जाण के
सुन फ़रियाद पीरा देया पीरा॥
मै आख सुनावा किन्नु हूँ,
के रख लै गरीब जाण के,
तेरे जीया मेनू होर न कोई॥
मै जई हाँ लख तेनू हूँ
के रख लै गरीब जाण के
जी मै तेरी तेरी तेरी सच्चे बादशाह के रख लै गरीब जाण के....
खोल न कागज बदीआ वाले ॥
दर तो ना धक देई मेनू हूँ,
के रख लै गरीब जाण के,
मै विच ऐड गुनाह ना होंदे ॥
बाहू तू बक्शेंदा किन्नू हूँ,
के रख लै गरीब जाण के,
जी मै तेरी तेरी तेरी सच्चे बादशाह के रख लै गरीब जाण के,
सुन फ़रियाद पीरा देया पीरा॥
मेरी अरज सुनी कान धारके हूँ॥
के रख लै गरीब जाण के.......
मेरा बेड़ा अडया विच कपरा दे॥
जित्थे माछ ना पेंदे टरके हूँ
के रख लै गरीब जाण के
जी मै तेरी तेरी तेरी सच्चे बादशाह के रख लै गरीब जाण के...
शाह जलानी मेहबूब सुहानी॥
मेरी खबर लयो झट करके हूँ के रख लै गरीब जाण के
पीर जिन्हा दा मीरा बाहू ॥
सोई कंदे लगदे तर के हूँ
के रख लै गरीब जाण के
जी मै तेरी तेरी तेरी सच्चे बादशाह के रख लै गरीब जाण के..