सतगुरु नवल ब्रह्म हो पूरण विश्वाबिश 
भवदास पर कृपा करो मोक्ष करो बगशिश 
अवगुण गारा की विनती तुम सुनो गरीब नवाज़ 
मैं तो पूत कपूत हूँ , आप पिता को लाज 
कब से खड़ा में तेरे द्वार ,गुरु जी आस लगाए 
भव सागर में नैया है मेरी , पार हॉवे जब दया हो तेरी 
हाथ पकड़ के उबार ,गुरु जी आस लगाए 
तेरे द्वारे जो भी आवे , तूने उसकी बिगड़ी बनायी 
सुनील मेरी भी पुकार , गुरुजी  आस लगाए 
तेरे दर का मैं हूँ भिखारी ,भर दो अब तो झोली हमारी 
अवगुण अनंत अपार , गुरुजी आस लगाए
नवल साहेब से विनती है मेरी भवदास हैं चरणों में तेरी 
रखो लाज सरताज , गुरुजी आस लगाए