सुबह सवेरे घर से निकल जाते हैं
मेरे पापा दाना पानी लाते हैं ।
कब जागते, कब सोते हैं पता नहीं,
मेरे पापा दाना पानी लाते हैं ॥
किस वक़्त कहा होते हैं पता नहीं,
एक अकेले घर का भोझ उठाते हैं ।
मेरे पापा दाना पानी लाते हैं...
सात समुन्दर पार से, गुड़ियों के बाज़ार से,
अच्छी सी गुडिया लाना, गुड़िया चाहे ना लाना,
पापा जल्दी आ जाना, पापा जल्दी आ जाना
खुद बीमार हो, अपनी चिंता नहीं करते,
हमको छींक भी आये पापा बहुत डरते
खुद दवाई लेने जाते हैं,
मेरे पापा दाना पानी लाते हैं...
मुझको कहते खूब पढो, विद्वान बनो
पढ़ लिख कर तुम एक नेक इंसान बनो
अपने दुःख दर्दो को सबसे छुपाते हैं
मेरे पापा दाना पानी लाते हैं...
सबके पापा सुखी रहे, खुशहाल रहें
‘चंचंल’ बनके बच्चो की वो ढाल रहें
हर संकट से पापा हमे बचाते हैं
मेरे पापा दाना पानी लाते हैं...