दौलत शोरथ ना ही नाम चाहिए,
श्याम तेरी चौकठ पे काम चाहिए,
नौकर वफादार बन के रहुगा
जो कुछ भी चाहिए तुम से कहुगा ,
चरणों में तेरे सुबहो शाम चाहिए ,
श्याम तेरी चौकठ पे काम चाहिए,
अगर तेरे चरणों की धूल मिल जाए,
श्याम तेरे जीवन की कलि खिल जाए,
भगतो संग भगति का जैम चाहिए,
श्याम तेरी चौकठ पे काम चाहिए,
मालिक हो ऐसा तो सोचने का काम क्या,
फयदा ही फयदा है घाटे का काम क्या,
चैन चाहिए न आराम चाहिए,
श्याम तेरी चौकठ पे काम चाहिए,
जब तक जिए गे तेरे गुण गायेगे,
चरणों से लग के तेरे भव से तर जायेगे
मरने के बाद तेरा धाम चाहिए,
श्याम तेरी चौकठ पे काम चाहिए,