सीता राम सीता राम सीता राम कहिए
राधे श्याम राधे श्याम कहिये,
भगती रस की गंगा में धीरे धीरे बहिये,
सीता राम सीता राम सीता राम कहिए
जीवन है ये बड़ा अनमोल काहे व्यर्थ गवाते हो,
मोह माया की माया में खुद को काहे रिजाते हो,
साथ न जाएगा कुछ भी इतना ध्यान रखिये,
सीता राम सीता राम सीता राम कहिए
सुल्जी हुई जीवन की डोर तुमने खुद उल्जाई हा,
सीधी राहे जीवन की तुमने खुद ठोकर खाई है,
जैसी करनी वैसी भरनी इतना ध्यान रखिये,
सीता राम सीता राम सीता राम कहिए
अंत समय जब आएगा बंदे तू पछतायेगा,
क्या खोया क्या पाया तूने पता यही चल जाएगा,
मिथ्या सारे जीवन की रंग इतना ध्यान रखिये,
सीता राम सीता राम सीता राम कहिए