नयन बसे हैं राम, दरस करूँ आते जाते
करूँ मैं सारे काम, राम गुण गाते गाते
राम से दिन है,हर्षित गर्वित,राम से रात सुहानी
बिन चिंतन के,आधी अधूरी,समझो कर्म कहानी
जब चाहो लो देख,मेरे कर्मों के खाते
नयन बसे हैं राम,दरस करूँ आते जाते
शरणागत का भाव जगा है जब से मन में मेरे
अंग संग अपने देखे मैंने , रघुवर शाम सवेरे
भले बुरे का ज्ञान, हरि पल पल समझाते
नयन बसे हैं राम,दरस करूँ आते जाते
राम को जबसे,जाना समझा,ठहर गया है जीवन
सच कहता हूँ,ख़त्म हो गई,इधर-उधर की भटकन
भक्त और भगवान बैठ मिल पीते खाते
नयन बसे हैं राम, दरस करूँ आते जाते
शान्त कृपा कर,गुरूदेव ने,मोक्ष की युक्ति बताई
काम करो कोई भी जग में , नाम न भूलो भाई
तन से निकलें प्राण,हरि गुण गाते गाते
नयन बसे हैं राम, दरस करूँ आते जाते