थारी काय करू जी मनवार सांवरिया महारा गिरधारी,
हाथ जोड़ नरसी जी बोलिया,
किस विधि थाने मनाऊ,
दादी तकियाँ नहीं पास में आसान काही बिछाउ,
हे तो हिरदये विराजो दीना नाथ जी,
सांवरिया महारा गिरधारी,
मांगे मिले न जून जगत में भोजन काही बनाऊ,
खाली लोटा नहीं पास में जो गिरवी मै ल्याउ,
मने कोई न देवे जी उधार
सांवरिया महारा गिरधारी,
म्हारे भरोसे थे मत रीजो सांवरिया सुन ले जियो,
संग रसोई लाया हो तो थे भोजन कर लीजियो,
ये तो दुनिया का पालनहार जी
सांवरिया महारा गिरधारी,
दो चार तुम्बा भर लाओ जो ते पीवो पानी,
संग में थारे राधा रुक्मणि बन आई सेठानी,
थारा पुरण रूप अपार जी,
सांवरिया महारा गिरधारी,