मैया अमृत नाम का रत ले मनवा नाम,
जीवन की हर राह में मैया लेगी थाम,
मैया अमृत नाम का मंत्र पड़ो दिन रेन,
दुःख से पीड़ित मन तेरा पा जाएगा चैन,
मैया अमृत नाम का
जित शुदी हो जाये रे मैया का धर ध्यान,
मैया ही अमृत कलश है मैया ही दया निधान,
जग जगन्नि मातेश्वरी के तुम सब रहियो दास,
अन्तर्यामी है जगदमबा रख इनपे विश्वाश ओ,
मैया सुमिरन नीर से धूल जाते से सब पाप,
पों चले जब माँ के नाम की उड़ जावे दुःख संताप
सकल मनोरथ सिद्ध हो दुखू का हो जाए अंत,
मैया अमृत नाम का सुमिरन करे अनंत
मैया अमृत नाम से तन मन निर्मल होये,
मैया भगतो का मन तो कभी न विचरित होये,
मैया अमृत नाम से मिले परम विश्राम,
हम सब मिल सुमिरन करे कोटि करे परनाम,
जिनकी रक्षा मैया करे मार सके न कोई,
बाल न बांका कर सके जो जग वैरी होये,
मैया अमृत नाम की रे मन माला फेर,
मनो कामना पूरी होगी लगे न शं भी देर,
मैया अमृत नाम है सब मंगल का मूल,
सकल मनोरथ सिद्ध हो कट जाते भव शूल,