मैं भी आया हु दरबार माँ मेरी बिगड़ी बना दो

पावन ये द्वारा है सबसे निराला है
तेरे चरणों में झुकता संसार सारा है
मैं भी आया हु दरबार माँ मेरी बिगड़ी बना दो
सुन खाली न जाउगा दामन फेलाऊगा
दुखड़े जीवन के सारे तुम को सुनाउगा
मैं हु माँ तेरा लाल माँ मेरी बिगड़ी बना दो

तुम जगत की रानी हो करती सिंह सवारी हो
जिसकी रक्शा तुम करती फिर उसे माँ डर क्या हो
तुम मेरी मैं तुम्हारा हु फिर क्यों माँ बेसारा हु
दर तेरे आऊंगा दर्शन मैं पाऊंगा सपना जो है अधुरा पूरा कर जाऊँगा
मैं हु माँ तेरा लाल माँ मेरी बिगड़ी बना दो

परवतो पे रेहती हो सब के भाग जगाती हो
तेरे दर पे जो आये उसकी विपदा हरती हो
माँ मेरे भाग्य जगाओ मैं आया हु दर पे तुम्हारे,
झूमे गे नाचे गे तुम को मनायेगे
तेरे चरणों में मैया शीश झुकाए गे
मैं भी आया हु दरबार माँ मेरी बिगड़ी बना दो

मैं दीवाना हो गया हु चरणों में मुझको रख लेना
जन्म जन्म का हो वंदन मैया मुझको वर देना
मेरे सिर पे हाथ तुम्हारा हो माँ जब वेला अंधियारा हो
विशाल आये गा महिमा सुनाए गा मैया तेरे चरनो मे अर्जी लगाये गा
मैं भी आया हु दरबार माँ मेरी बिगड़ी बना दो


गायक और गीतकार विशाल जोशी देवास मप्र
फोन नम्बर 7000839796
संगीत श्री भावेश सोनी
छायांकन श्री कैलाश तारानी
यूनीक्स भक्ति यूटयूब चेनल की प्रस्तुति
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