आंखों से ओझल नहीं होती सुंदर सूरत प्यारी
एसा सांवला सलोना यशोदा का मनमोहना देखे सब नर नारी
आंखों से ओझल नहीं होती
कभी गैयाँ वो चराए कभी बंसी भ्जाये,
कभी झूमे नाचे गाये लीला अजब न्यारी
आंखों से ओझल नहीं होती
छोटे बड़े ग्वाल बाल देखे कान्हा का कमाल
छेड़े ऐसे सुर ताल करदे सब को निहाल
सूद बुद बिसरे सारे
आंखों से ओझल नहीं होती
कभी लुक छुप जाए कभी मैया को दोडाये
कभी माखन चुराए खूब खाए और खिलाये देखे नगरी सारी
आंखों से ओझल नहीं होती