मनमोहन से मिलने को हु बेकरार,
मैं तो सज धज के कब से करू इन्तजार,
ग्वाल बाल की संग ले टोली चला है माखन चोर
देखो आया ब्रज का बांका मचा है बरसाने में शोर
मुरली मोहन मधुर भ्जाये रे
राधा प्यारी को पास बुलाये रे
घर से बाहर निकली राधा लाज शर्म सब छोड़
देखो आया ब्रज का बांका मचा है बरसाने में शोर
राधे संग कान्हा रास रचाए रे देव फूल अम्बर से बरसाए रे,
भोले डम डम डमरू भजाये नाचे नन्द किशोर
देखो आया ब्रज का बांका मचा है बरसाने में शोर