माहरो श्याम मत वालो माहरो कान्हा बंसी वालो
जाको रूप है अपार,
माहरो श्याम मत वालो माहरो कान्हा बंसी वालो
श्याम वर्ण जाको चित को चुरावन वालो
सखियाँ के संग रास रचावन वालो,
हो म्हारो स्याम मत वारो म्हारो कान्हा बंसी वालो,
जाको रूप है अपार,
नन्द को दुलारों श्याम मार यशोदा प्यारो
लुट लुट खावे दही गैयाँ चरावन वालो
हो म्हारो स्याम मत वारो म्हारो कान्हा बंसी वालो,
जाको रूप है अपार,
द्रोपदी की राखी लाज चीर को ब्दावन वालो,
इंद्र को घटायो मान गिरे को उठावन वालो,
हो म्हारो स्याम मत वारो म्हारो कान्हा बंसी वालो,
जाको रूप है अपार,
भगती को राखे मान भव सिन्धु तारण हारो,
देख के कदम उडार मुरली भ्जावन वालो,
हो म्हारो स्याम मत वारो म्हारो कान्हा बंसी वालो,
जाको रूप है अपार,