मेरे श्याम प्यारे आया तेरे द्वारे,
किये सँवारे तूने मेरे वारे न्यारे,
हो गया अब मेरा ही जहां
तू मेहरबान हो गया,
जब से तुम्हारी किरपा हो गई है,
जग का नजरियां बदलन ने लगा है
काबिल जो समजा मुझे तूने अपने,
जमाना भी काबिल समझने लगा है,
तेरा कर्म है तेरी ही मया क्या करू शब्दों में मैं व्यान,
तू मेहरबान हो गया,
लायक नहीं था चरणों के तेरे तूने मुझे पलकों पे बिठाया,
देखा नहीं था खाबो में मैंने हकीकत में तूने मुझे वो दिखाया,
इतना दिया है तेरा शुकरियाँ जिंदगी में ख़ुशी तूने दी,
तू मेहरबान हो गया,