आ जाओ गणपति मोरेया इक रात के लिए

कब से मेरे नैना तरस रहे मुलाकात के लिए
आ जाओ गणपति मोरेया इक रात के लिए
कब से मेरे नैना तरस रहे मुलाकात के लिए

हे विघन हरन लम्बोदर रिधि सीधी के सोहर
चुहे पे आओ चढ़ कर सिर उपर मुकट पहन कर
लड्दुन का भोग बनाया है प्रशाद के लिए
आ जाओ गणपति मोरेया इक रात के लिए
कब से मेरे नैना तरस रहे मुलाकात के लिए

है दर्शन की शुभ वेला मोसम भी है अलबेला
भगतो का लगा है मेला आये है गुरु और चेला,
वस् एक झलक दिखा दो न मुराद के लिए
आ जाओ गणपति मोरेया इक रात के लिए
कब से मेरे नैना तरस रहे मुलाकात के लिए

मृदंग और ढोल बजा है फूलो से भवन सजा है
तू आजा कहा छिपा है दर्शन को अनाडी खड़ा है
कुछ पल को दूर हटा दे अपनी याद के लिए
आ जाओ गणपति मोरेया इक रात के लिए
कब से मेरे नैना तरस रहे मुलाकात के लिए
श्रेणी
download bhajan lyrics (739 downloads)