तर्ज: छोडदे सारी दुनिया किसी के
हाल अपना सुनाऊ तुम्हे साँवरे
एक तुही तो है मेरा साँवरे
तेरे होते क्यो आँखो में आँसू मेरे
इतनी अछी नही बेरुखी साँवरे,,,
तुझको अपना है साथी माना सदा
मेरे दुःख की घड़ी में कहाँ तू बता
ये बता दे हुई क्या है मुझसे खता
क्या नही हूँ मै दास के काबिल बता
तू सुनेगा नही तो कहाँ जाऊँगा
तेरी चोखट पे रो रो के मर जाऊँगा
हाल अपना सुनाऊ,,,,,,,,,,
एक तू ही तो जग में सहारा मेरा
है भरोसे पे तेरे ये जीवन मेरा
ऐसे कब तक सताओगे ओ साँवरे
ठोकरे खाके आया हूँ दर साँवरे
अपने प्रेमी पे इतना सितम क्यो करे
ये बता दे मुझे ओ मेरे साँवरे
हाल अपना सुनाऊ,,,,,,,,,
तेरी रहमत का दरिया है बहता सदा
में रहूगा यू पियासा कब तक बता
अब तो आँखो के आँसू भी सूखे मेरे
हार जाऊ ना जीवन मेरे साँवरे
तेरे ,राही, को तुझपे भरोसा बड़ा
हार हो ना सके संग जब तू खड़ा
हाल अपना सुनाऊ,,,,,,,,,
ARUN CHAUHAN RAHI