कोई मेरा क्या करैगा रे

कोई मेरा क्या करैगा रे, साई तेरा नाम रटूँगा
कोई मेरा क्या करैगा रे, साई तेरा नाम रटूँगा

नगरी के लोगो, हाँ हाँ भलाँ बस्ती के लोगो
हाँ हाँ मेरी तो है जात जुलाहा, हाँ हाँ जीव का जतन कराव
हाँ एक दुविधा पर सरकज्याँ ये, दुनिया भरम धरैगी रे
कोई मेरा क्या करैगा रे, साई तेरा नाम रटूँगा

के राम रा आणा नाचै, ताणा नाचै, नाचै सूत पुराणा
बाहर खड़ी तेरी नाचै जुलाही, अन्दर कोई न आणा रे
नगरी के लोगो...

के राम रा हस्ती चढ़ कर ताणा तणिया, ऊँट चढ़या निर्वाणा।
घुढ़लै चढ़कर बणवा लाग्या, वीर छावणी छाया रे
नगरी के लोगो...

के राम रा उड़द मंग मत खा ये जुलाही तेरा, लड़का होगा काला।
एक दमड़ी का चावल मंगाले, सदा संत मतवाला रे
नगरी के लोगो...

के राम रा माता अपनी पुत्री नै खा गई, बेटे ने खा गयो बाप।
कहत कबीर सुणो भाई साधो, रतियन लाग्यो पाप
नगरी के लोगो...
श्रेणी
download bhajan lyrics (886 downloads)