मैया तेरे मंदिरों का मैंने गुण गाया है

मैया तेरे मंदिरों का मैंने गुण गाया है,
तेरी सूरत को माँ मैंने दिल में बसाया है.....

चाँद और तारों से धरती के नजारो से,
आसमा के तारो से तेरा भवन सजाया है,
मैया तेरे मंदिरों का मैंने गुण गाया है....

कोयल कू कू बोले मेरा मन यूँ डोले,
आत्मा का तन डोले और मन हर्षसाया है,
मैया तेरे मंदिरों का मैंने गुण गाया है....

मैया अब ना करो देरी जो भक्ति करे मेरी,
जो भी शरण आया तूने अपना बनाया है,
मैया तेरे मंदिरों का मैंने गुण गाया है....

मैया महिमा तेरी न्यारी देखो फूलों से सजी है प्यारी,
आसमा के तारो से तेरा भवन सजाया है,
मैया तेरे मंदिरों का मैंने गुण गाया है....

पान सुपारी नारियल तेरी भेट चढ़ाऊँगी,
हलवे चने का मैया तेरा भोग लगाऊँगी,
आसमा के तारो से तेरा भवन सजाया है,
मैया तेरे मंदिरों का मैंने गुण गाया है.....
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