निकल जाए नैया भवर से हमारी
गुरु देव किरपा अगर हो तुम्हारी
निकल जाए नैया भवर से हमारी
प्रखर ज्ञान की राह हम को दिखा दो
अंधियारा मेरे मन का मिटा दो खिल जाए मेरी किस्मत की क्यारी
गुरु देव किरपा अगर हो तुम्हारी
निकल जाए नैया भवर से हमारी
तेरी दृष्टि सारे जहां से निराली
गुरु दृष्टि सारे जहां से निराली
उनत के पथ पर ले जाने वाली
कदमो में दुनिया जुका दू सारी,
गुरु देव किरपा अगर हो तुम्हारी
निकल जाए नैया भवर से हमारी
देविंदर मंजिल तुम्ही से है पाता,
चरणों में गुरु देव तेरे वसते विध्याता
कुलदीप कितनो की बिगड़ी सवारी
गुरु देव किरपा अगर हो तुम्हारी
निकल जाए नैया भवर से हमारी