हार गयो जी मैं तो विनती करके
पड़ी नही कान्हा फनकार
सुनियो जी महारा लखदातार
थारी काई शी मंशा काई छे विचार
सुनियो जी महारा लखदातार
मैं दुखियां न चैन घड़ी को
थे तो जानो सारी सार
सुनियो जी महारा लखदातार
था से या भी नाही जानी,
छे नही म्हारो और आधार
सुनियो जी महारा लखदातार
देर करो थाणे जितनी करनी
सुन नि पद सी करूँ पुकार
सुनियो जी महारा लखदातार
म्हारे लाभ थारे ढील गई है
बेगा आवो नही करो अवार
सुनियो जी महारा लखदातार
आलू सिंह जी थारो ध्यान लगावे
रोज करे थारो शिंगार,
सुनियो जी महारा लखदातार