जब भी श्याम के सेवक पर कोई,
संकट आएगा,
श्याम धणी लीले पर चढ़कर,
दौड़ा आएगा....
इस कलयुग में श्याम ही देता,
दुखियारों का साथ,
हार भगत की देख ना सकता,
मेरा दीनानाथ,
हाथों से निकली बाजी भी,
हाथों से निकली बाजी भी,
तुझे जिताएगा,
श्याम धणी लीले पर चढ़कर,
दौड़ा आएगा......
तूफानों में कागज़ की,
कश्ती तैरा देगा,
तेरे दुखड़ों को सांवरिया,
जड़ से उखाड़ेगा,
तेरे सर पे हाथ ये अपना,
तेरे सर पे हाथ ये अपना,
श्याम फिराएगा,
श्याम धणी लीले पर चढ़कर,
दौड़ा आएगा......
जैसे भी हालात हो ‘माधव’,
हिम्मत कभी ना हार,
तेरे हर एक कदम कदम का,
साथी लखदातार,
तुझको तेरी परछाई में,
तुझको तेरी परछाई में,
नज़र वो आएगा,
श्याम धणी लीले पर चढ़कर,
दौड़ा आएगा......