तेरा भोला बुलाये गोरा आओ न कुछ बाते जरुरी सुन जाओ न
गोरा आने में देर लगाना नही
वो भांग के लिए तुम्हे बुलाते है मगर जाना नही
वो बातो का बहाना बनाते है बातो में आना नही
मैं नाथ हु गोरा तिरलोकी का मेरी जटा में गंगा बेहती है
मैं भस्म रमाऊ तप धारी है सर्पो की माला गले रहती है
मेरी नंदी की सवारों और मैं और मैं त्रिशूल डमरू वाला महिमा समजो न
मेरे तन पे मृग की छाला और मैं पीता भंग का प्याला महिमा जानो न
गोरा इस बार बहाना लगाना नही
मुझ से रोज रोज भांग घुट वाते है मैया जाना नही
पहाडो पर से रोज भांग मंगवाते है ओ बात समजो सही
सुनो गणपति की मेह्तारी गणेश की बातो में तुम आओ ना
ये आगेया तुम्हारे स्वामी की गनपत को तुम समजाओ न
जन्मो जन्मो का है साथ मुझको प्यारे भोले नाथ
मेरा जीवन है उन्ही से वो है मेरे दिन रात बात को समजो न
बस थोडा सा करो इन्तजार अब करती हु भंगिया तयार कुण्डी सोटा ले आई
भंगिया पी लो भोले नाथ पूरी करलो मन की बात डमरू भजाओ ना