वृंदावन जाने की,
मेरे मन में आई है,
चल ले चल री गौरा,
वहां दुनिया जा रही है,
चल ले चल री गौरा,
वहां दुनिया जा रही है.......
वहां नर नहीं जाते हैं,
वहां नारी जाती हैं,
मेरी नारी बनने की,
मेरे मन में आई है,
चल ले चल री गौरा,
वहां दुनिया जा रही है……
वहां डमरु नहीं बजता,
वहां मुरली बजती है,
मेरे मुरली सुनने की,
बड़ी मन में आ रही है,
चल ले चल री गौरा,
वहां दुनिया जा रही है……..
वहां भांग नहीं मिलती,
माखन मिलता है,
मेरे माखन खाने की,
बड़ी मन में आ रही है,
चल ले चल री गौरा,
वहां दुनिया जा रही है…….
वहां तांडव नहीं होता,
वहां रास होता है,
मेरे रास देखने की,
बड़ी मन में आ रही है,
चल ले चल री गौरा,
वहां दुनिया जा रही है……
वृंदावन जाने की,
मेरे मन में आई है,
चल ले चल री गौरा,
वहां दुनिया जा रही है,
चल ले चल री गौरा,
वहां दुनिया जा रही है…..