बड़ी दूर से आया चल के बर्फीले पर्वत चडके
शिव जी को मनाने आया धन माल बहुत सा लाया
शिव जोगी का रूप अपारा मन को भा गया,
छोड़ के सारे काम काज तेरे द्वारे आ गया
मैंने भोले का किया जब ध्यान
देखो रे देखो नंदी आ गया
बोला भोले से क्या है तुझे काम
देखो रे देखो नंदी आ गया
भोले का नंदी बोला तू कहा का रेहने वाला
तुझे किसने याहा बुलाया तू किस काम से आया
शिव का दर्शन करवा दो चाहे दोलत सारी लेलो
शिव का दर्शन मैं पाऊ सोने का भवन बनवाऊ
नंदी उसको समजाते धन वां बहुत याहा आते
शिव दर्शन वो ही पाते श्रदा से ध्यान जो लगाते
कपट खोट अभिमान छोड़ के शिव का ध्यान कर
अपनी काया माया पर तू मत अभिमान कर
हाथ जोड़ के छमा मांग ले शिव करे गे तेरा कल्याण
नंदी ने दिया मुझे ज्ञान देखो रे देखो नंदी आ गया
नंदी की सुन कर बाते हम तो भारी पश्ताते,
धन माया से न कभी भी भगवान खरीदे जाते
तू सचा सुन भंडारी तू पाले दुनिया सारी
हे भोले श्मसानी तू सब का बड़ा है दानी
सुन बात मेरी अभिमानी ये माया आनी जानी
शिव शंकर सब के दाता भगतो से कुछ नही चाहता
जब मन से ध्यान लगाये गा शिव जी तब दर्शन देंदे
भोले नाथ जब रखे हाथ तेरे सारे काम बनेगे
मेरा दूर कियां अभिमान
देखो रे देखो नंदी आ गया