बड़ा लगदा है दुनिया च डर शंभुआ,
बुरा हो गया जमाना कुछ कर शंभूआ.....
पुत मापेया दा दुख-सुख नहीं ओ बंडदे,
हाथ मेहंदी वाले सेवा जो ना हुन्न उठदे,
किथे इनिया पढ़ाया गया पढ़ शंभुआ,
बुरा हो गया जमाना कुछ कर शंभूआ,
बड़ा लगदा है दुनिया........
तिया बेटियां दे उत्ते अत्याचार हो रहा,
गुम वासना दे वीच संस्कार हो गया,
मर्यादा मान गए सब मर शंभुआ,
बुरा हो गया जमाना कुछ कर शंभूआ,
बड़ा लगदा है दुनिया........
हाथ मेहरा वाला भोले क्यों रुकदा रिया,
पानी कहर बनदेया बनदेया फुतदा रेहा,
कौन जाये केदार बद्रीनाथ शंभुआ,
बुरा हो गया जमाना कुछ कर शंभूआ,
बड़ा लगदा है दुनिया........