राम दूत अतुलित बलिधामा अंजनी पूत पवन सूत नामा
हिर्स्दये वसाए सीता रामा
जय वीरा जय महावीरा
बचपन में सूरज देखा फल को समज के तूने निगला
देव शरण में आये थे सूरज मुक्त कराए थे
सूरज को बहार तो निकाला तिर्कोली फ़ैला उजियाला
जयति जयति जय बजरंग बाला
जय वीरा जय महावीरा
जलती लांग लंका पोंछे और लंका को जलाए थे
राम जी को आ कर तुम ने सिया सन्देश सुनाये थे
राम ने तुम को हिरदये लगाया भाई सम तुम तुमको बतलाया
तुमने चरणों शीश निभाया
जय बली बजरंग बलि
जय वीरा जय महावीरा
लक्ष्मण को शक्ति लागी वैद सुशन को लाये थे,
शंजीवान भुट्टी के संग तुम पर्वत को लाये थे
संजीवन तुम लाने वाले लखन के प्राण बचाने वाले
राम के काज सवारने वाले
जय वीरा जय महावीरा
राम शिन्गाशन बैठे है भाई चवर धुलाये रहे
मैया आरती गाई रही गुरु वर मुकट सजाये रहे
तुम ने ली चरणों की सेवा माना राम को अपना देवा
जय जय तुम्हरी हनुमंत देवा