नाच रहे बाला जी राम गुण गा गा के ,
कैसा सुंदर रूप बनाया लाल है सिन्धुर लगाया,
भजते सीता राम राम गुण गा गा के
हाथो में कडटाल बजाते पैरो में घुंगरू ये छनकाते,
नाच रहे बाला जी राम गुण गा गा के
राम दीवाने है मत वाले पीते राम नाम के प्याले,
नाच रहे बाला जी राम गुण गा गा के