भोले के दरबार में दुनिया बदल जाती है
गाके पहने हैं सर्पों की माला
महादेव भक्तों के प्रतिपाला
रमावे धूनी भोले भंगिया
चन्द्रभान तेरे सर पर गंगा बहती जाए
अंग बाघम्बर सोहे महाकाल तू भस्म रमाये
तेरी लीला है जग से न्यारी भोला नंदी की तू करता सवारी
रमावे धूनी भोले भंगिया
जटाधारी शिव शम्भू तेरे कानो में कुण्डल साजे
भूत प्रेत सब नाचे जब डम डम डमरू बाजे
चाहे सोमनाथ हो या हो काशी मैंने तुमको ही पाया अविनाशी
रमावे धूनी भोले भंगिया