शिव भजन तर्ज ले चल परली पार
जहां बिराजे भोले बाबा नंदी के असवार
कावडिया ले चल शिव के द्वार ,
जटा मे इनके गंगा विराजे हाथ मे इनके डमरु साजे
सिर पे सोहे चंदा प्यारा गल शर्पो का हार
कावडिया ......
भोलाभाला है मतवाला पीता रहता भंग का प्याला
भक्तो का है ये रखवाला भुतो का सरदार
कावडिया ........
रोडा भी तेरे दर पर आए आके गंगाजल को चढाए
दुखीयो के दुख दुर कर दो कर इतना अपकार
कावडिया .....
रचना:-पवन रोड
सरदारशहर
९७७२५५००५०
जय भोले बाबा