चलो री सखी वृन्दावन को आज
चलो री सखी वृन्दावन को आज,
ब्रज रजकण रसमय अतिपावन,
प्रभु बांकेबिहारी को राज,
चलो री सखी वृन्दावन को आज
जहँ नाचत गावत राधे राधे,
पुरवासी संत समाज,
चलो री सखी वृन्दावन को आज
दधि बेचि हरि दरसन पइबै,
सखी इक पंथ दू काज,
चलो री सखी वृन्दावन को आज
रचना आभार:
ज्योति नारायण पाठक
वाराणसी