मुझे है,काम ईश्वर से, जगत रूठे तो रूठन दे
मुझे है,काम ईश्वर से, जगत रूठे तो रूठन दे
कुटुम्ब परिवार सुत दारा, माल धन लाज लोकन की
हरि के भजन करने से, अगर छूटे तो छूटन दे
बैठ संगत में संतन की, करूँ कल्याण में अपना
लोग दुनिया के भोगों में, मौज लूटे तो लूटन दे
प्रभु का ध्यान धरने की, लगी दिल में लगन मेरे
प्रीत संसार-विषयों से, अगर टूटे तो टूटन दे
धरी सिर पाप की मटकी, मेरे गुरुदेव ने झटकी
वो "ब्रह्मानंद" ने पटकी, अगर फूटे तो फूटन दे