त्रेता में राम ना होते, दवापर घनश्याम ना होते,
यदि चारो धाम ना होते तो जग कल्याण ना होता……..
यदि राम सिया का वनवास ना होता,
तो राजा दशरथ का मरण ना होता,
सीता चुराई न जाती लंका जलाई ना जाती
यदि रावण मरण न होता तो जग कल्याण न होता…..
यदि अर्जुन के संग श्री कृष्ण ना होते,
अभिमानी दुर्योधन सब कुछ ना खोते,
राज पाठ ना जाता सरताज ना जाता,
यदि महाभारत न होता तो जग कल्याण न होता......
यदि राम के संग में हनुमान ना होते ,
तो लक्ष्मण के प्राणो को खोते,
कौन संजीवनी लता कौन बूटी पिलाता,
यदि लक्ष्मण मरण हो जाता तो जग कल्याण न होता……….
यदि शम्भु जाता में गंगा ना समाते,
पापियों को तारण धरती पे ना लाते,
ना होते महारे पिता ना होते राम सीता,
यदि भजन यहीं रुक जाता तो जग कल्याण ना होता......