होके मगन भोले डोले,
पी के थोड़ी सी भंग
डम डम डमरू बाजे किड धिक् बोले मिरदंग,
पी के थोडी सी भंग
केलाश पे मस्ती छाई है भोले ने लीला रचाई है
शिव रात्री की बेला आई है धरती जग मगाई है
खाए सब हिचकोले पी के थोडी सी भंग
कही भजन कही भंडारे कही पे मेले लगे है
करने भोले के जय कारे गुरु और चेले लगे है
एजाज़ का मन डोले
पी के थोडी सी भंग
त्यौहार ये तो सुहाना है भोले का हर युग दीवाना है
दी जे तू साउंड बड़ा देना रिज़ा वाली का तराना है
डोले सचिन होले होल पी के थोड़ी भंग