पीले पीले भगती का प्याला,
और हो जा रे तू मतवाला,
पीले पीले भगती का प्याला,
माँ ही धर्म है और सब का इमान है माँ
ईसा नानक और बुध का अरमान है माँ
ये सारी दुनिया का जिस्म और जान है माँ
गीता रामायण और वेदों का ध्यान है माँ
माहि काशी और माँ ही शिवालया,
पीले पीले भगती का प्याला,
माँ ही ममता ओर सब की खुशहाली माँ,
ये सारी भरी भगियाँ की हरयाली माँ
जमीन से आसमा की सभ की रखवाली माँ,
दर तेरे आया है दास बन सवाली माँ
करदो ऐसा बन जाऊ मैं हिमालया,
पीले पीले भगती का प्याला,