कृष्ण सूर्य कृष्ण चंद्र
कृष्ण किरण आस है,
कृष्ण धरा कृष्ण महीधर,
कृष्ण नभ विश्वास है
कृष्ण सुर कृष्ण सरगम
कृष्ण धुन और ताल है,
कृष्ण लय कृष्ण गीत,
कृष्ण मौन वाचाल है
कृष्ण सृष्टि कृष्ण बृष्टि
कृष्ण ग्रीष्म शीत है,
कृष्ण दीप कृष्ण ज्योति,
कृष्ण शांति गीत है
कृष्ण दया कृष्ण दुआ
कृष्ण लहर चाह है,
कृष्ण क्षेम कृष्ण आश्रय,
कृष्ण अभय राह है
कृष्ण योग कृष्ण ध्यान
कृष्ण मोह प्रीत है,
कृष्ण रास कृष्ण ज्ञान,
कृष्ण सखा मीत है
कृष्ण जन्म कृष्ण मोक्ष
कृष्ण ही आराध्य है,
कृष्ण काल कृष्ण सृजन
कृष्ण रमण साध्य है
जप गोविन्दम् जप गोविन्दम्,
गोविंदम् जप कृष्ण प्रिये,
भज गोपालम् भज गोपालम्,
गोपालम् भज मीत मेरे
रचना आभार : ज्योति नारायण पाठक
वाराणसी