गणपति मोरे देवा घर में पधारो ,
घर में पधारो देवा घर में पधारो ,
सिद्धिविनायक गणपति देवा घर में पधारो,
गणपति मोरे देवा घर में पधारो,
हे जग वंदन गौरी नंदन हम पानी तुम चंदन
बड़ी श्रद्धा से हम सब मिलकर करते हैं तेरा वंदन
रिद्धि सिद्धि संग ले के देवा घर में पधारो
बैठने को सिंहासन बनाया फूलों से उसे सजाया
अबीर गुलाल का तिलक लगाकर आनंदित मन हरसाया
माता गौरा पिता शंकर के संग घर में पधारो
मोदक लड्डू भोग लगाकर अपने शीश नमाऊ
कृपा हम पर बरसा दो देवा तेरा आशीष मैं पाऊं
करके मुंष की सवारी गणपति जी पधारो