गुंराजी से मिलिये हॉ, चालो दिवाना देश
संत सदा उपदेश लखावे, दिल अंदर दीदार करावे,
तन मन अर्पण करिए हो
जो कोई हरिजन पहला जागे, चार चौक अनहद के आगे
अब छल कदियन करिये हो
सूक्ष्म सेल की सोहंग शैली, माया गस्त फिरे चोफेरी
भूल भ्रमना से डरिये हो
पहुंचे संत रविदास विचारा, महापद का हम लया परवाना
कहे रे बिहारी कोई लखिये हो ......
चालो दिवाना देश
संग्रहण- नरेंद्र बैरवा (नरसी भगत)
8905307813
सलाहकार - महंत रमेशदास उदासी जी
गंगापुर सिटी