पनघट पे मुझको छेड़े फोड़े वो मटकी मेरे,
क्या बताऊ मैं उसकी करतूत तुझको
हो मैया कन्हियाँ छेड़े है मुझको
कर के परेशान मुझको वो लेता आनंद है
उसकी ये अदात न मुझको पसंद है,
अरे जाने दे न घर से बाहर तू उसको
हो मैया कन्हियाँ छेड़े है मुझको
मुझको बुलाये काली खुद है वो काला
छलियाँ है मैया तेरा नन्द लाला तेरे अलावा मैं दुःख बताऊ मैं किसको
हो मैया कन्हियाँ छेड़े है मुझको