यमुना अशनान करना दुःख हरदी श्याम पटरानी,
गोलोक विच मिलदा प्यारा गोविन्द गोपाला ॥
गौशाला विच मिलदा प्यारा गोविन्द गोपाला ॥
झड़ जीव नाच उठ दे जदो मुरली भजावे नंदलाला ॥
मधुप हरी बरसाने नित मिलान राधा न जावे मधुप हरी बरसाने ॥
नटखट नट नागर रासा गोपियाँ दे नाल पावे नटखट नट नागर ॥
दीवाना ब्रिज रस दा लस्सी पीवे ते मखन खावे दीवाना ब्रिज रस दा,
सात दिन चुकी रखियां गोवर्धन कृष्ण मुरारी सात दिन चुकी रखियां,
ब्रिज रज युगल हरी मथे लावे दुनिया सारी,
विचो बाहरो इक हो जा यारी श्याम नाल जे लानी,
मुड़ मुड़ नहीं मिलदे माँ पे सतगुरु हुसन जवानी मुड़ मुड़ नहीं मिलदे॥
(सर्वाधिकार लेखक आधीन सुरक्षित। भजन में अदला बदली या शब्दों से छेड़-छाड़ करना सख्त वर्जित है)