भांगडली गरनाई रे शिव थारा नैना मे

अर्जी सुन्ज्यो दीनानाथ, थे तो भूता रा सरदार
तेरी महिमा अपरम्पार धतूरो बोयो वन मे
भांगडली गरनाई रे शिव थारा नैना मे

शिव थारी बैला की है सवारी,
तुझको लागे है घणी प्यारी
नाग बिराजे गले में

शिव थारी गौरा है अर्धांगिनी,
तुझको घोट पिलावे भंग री,
गिरीजा रहवे संग मे

शिव थारा पगा घूघरा बाजे,
थारा हाथ मे डमरू बाजे,
भवूती रमाई तन मे

शिव थाने धन्ना दास कथ गावे,
अपने गुरू को शीष नवावे,
भजन बना दियो रंग मे
   

प्रेषक- नरेंद्र बैरवा(नरसी भगत)
मोवाईल नं-८९०५३०७८१३
 रमेशदास उदासी जी गुप
  गंगापुर सिटी।
 

श्रेणी
download bhajan lyrics (1298 downloads)