कर दो कृपा की नजरे हम पे भोलेनाथ जी,
शरण में हम भी खड़े है रख दो सिर पे हाथ जी…..
पीकर विष को तुमने इस जग का कल्याण किया है,
जिसने भी जो मांग लिया उसे पल में दान दिया है,
देखा नहीं दूजा कोई तुमसे दातार जी…..
देवों के भी देव प्रभु तुम महिमा तेरी न्यारी,
तेरे चरणों में झुकती है ये त्रिलोकी सारी,
सुनते हो सबकी ही तुम देते सबका साथ जी…..
भक्ति अर्चन पूजा वंदन प्रभु हमको ना आये,
तुम ही बताओ हे शिव शंकर कैसे तुम्हे रिझाये,
प्रीत की सुनलो विनती सुनलो शंभुनाथ जी……