हे राम तुम्हारे चरणों में जब प्यार किसी को हो जाए
दो चार जनों की बात तो क्या संसार का मालिक हो जाए,
रावन ने राम से वैर किया अब तक भी जलाया जाता है,
बन भगत भभिशन शरण गए घर बार उसकी का हो जाए
हे राम तुम्हारे चरणों में जब प्यार किसी को हो जाए
घनिका ने कौन से वेद पड़े शबरी क्या रूप की रानी थी
जिस में छल कपट का लेश नही श्री राम उसी का बन जाए
हे राम तुम्हारे चरणों में जब प्यार किसी को हो जाए
माया के पुजारी सुन लो तुम उस प्रेम दीवानी मीरा से,
अगर प्रेम हो मीरा सा मन में मोहन भी तेरा हो जाए,
हे राम तुम्हारे चरणों में जब प्यार किसी को हो जाए
मेरी मान ले तू ओ मन मुर्ख तू मन से ममता त्याग अभी
ले रोम रोम में राम रमा दीदार उसी पल हो जाए
हे राम तुम्हारे चरणों में जब प्यार किसी को हो जाए